पीएम मोदी का यूएई दौरा: अबू धाबी में हिंदू मंदिर का उद्घाटन
14 फरवरी 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूएई की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो भारत और यूएई के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है।
मंदिर का भव्यता:
यह मंदिर 27 एकड़ में फैला हुआ है और 108 फीट ऊंचा है। इसका निर्माण राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से किया गया है। मंदिर में भगवान स्वामीनारायण, भगवान शिव, भगवान कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
पीएम मोदी का संबोधन:
मंदिर के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर भारत और यूएई के बीच दोस्ती और सहयोग का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल भारतीय समुदाय के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बन जाएगा।
यूएई के नेताओं की उपस्थिति:
उद्घाटन समारोह में यूएई के कई शीर्ष नेता भी उपस्थित थे, जिनमें यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम शामिल थे।
भारतीय समुदाय का उत्साह:
यूएई में रहने वाले भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी के दौरे और मंदिर के उद्घाटन का भव्य स्वागत किया। हजारों लोग मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।
यह ऐतिहासिक क्षण भारत और यूएई के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की।
- उन्होंने यूएई के शीर्ष नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
- दोनों देशों ने कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
यह दौरा भारत और यूएई के बीच संबंधों को एक नया आयाम देगा।
अबू धाबी हिंदू मंदिर: एक ऐतिहासिक यात्रा का वर्णन
अबू धाबी हिंदू मंदिर का इतिहास न केवल धार्मिक स्थल के निर्माण की कहानी है, बल्कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच बढ़ते संबंधों का भी प्रतीक है। आइए इस मंदिर की यात्रा को गहराई से समझें:
जन्म की अवधारणा:
- इस मंदिर की अवधारणा का बीज 2015 में बोया गया था, जब यूएई के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान की पुण्यतिथि पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आवश्यकता पर जोर दिया था।
- यूएई के नेतृत्व ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और 2016 में मंदिर निर्माण के लिए भूमि दान की।
निर्माण यात्रा:
- मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS Swaminarayan Sanstha) द्वारा किया गया था, जो एक वैश्विक हिंदू संगठन है।
- निर्माण 2019 में शुरू हुआ और लगभग पांच साल में पूरा हुआ।
- मंदिर के निर्माण में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है।
विशेषताएं:
- यह मंदिर 27 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 13.5 एकड़ पर मंदिर परिसर और शेष क्षेत्र में सांस्कृतिक एवं सामुदायिक केंद्र शामिल हैं।
- मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है, जो 108 दिव्य गुणों और आध्यात्मिक शांति का प्रतिनिधित्व करती है।
- मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा, सात मीनारें, शांति स्तंभ, गार्डन और एक कन्वेंशन केंद्र भी मौजूद हैं।
- मंदिर में भगवान स्वामीनारायण, भगवान शिव, भगवान कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
उद्घाटन और महत्व:
- 14 फरवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से मंदिर का उद्घाटन किया।
- यह उद्घाटन समारोह भारत और यूएई के बीच बढ़ते संबंधों और धार्मिक सहिष्णुता का एक शानदार प्रदर्शन था।
- यह मंदिर यूएई में रहने वाले लगभग 30 लाख भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनने जा रहा है।
- साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करेगा।
यात्रा का निष्कर्ष:
अबू धाबी हिंदू मंदिर का निर्माण सिर्फ एक इमारत का निर्माण नहीं है, बल्कि यह दो देशों के बीच दोस्ती और सहयोग का एक प्रतीक है। यह मंदिर यूएई में न केवल भारतीय समुदाय के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए एक आध्यात्मिक शरणस्थल के रूप में कार्य करेगा।